वैसे तो Accounting शब्द है तो बहुत छोटा सा पर इसका पूरा कोर्स करने मे काफी समय लगता है। जो पहले से ही कॉमर्स से पढे हैं वो Accounting को अच्छे से जानते ही हैं इसके बारे मे।
लेकिन फिर भी बहुत से लोग Accounting के बारे मे नहीं जानते है तो उनको बस इतना समझ लेना है की ये सब 11वीं कक्षा से ही शुरू हो जाता है जब 10वीं पास करने के बाद हम 11वीं मे कॉमर्स विषय को चुनते हैं। 11वीं से 12वीं तक दो वर्षों मे ये पूरी हो जाती है।
फिर हम 12वीं मे कॉमर्स से पास होने क बाद बी.कॉम करते हैं जिसमे हमे लगभग 3 साल लगते हैं। और उसके बाद अगर कोई आगे पढ़ता है तो वो एम.कॉम करता है जिसमे कम से कम 2 वर्ष का समय लगता है। पर ऐसा नहीं है की इसके बाद Accounting खत्म हो जाती है इसके बाद भी ये Accounting चलती रहती है।
पर हमे Tally सीखने है और पूरा विस्तार से समझने के लिए इतना समय नहीं भी नहीं है। तो जो Accounting हमे Tally सीखने मे सहायता करेगी हम उसके बारे मे जानते हैं
Definition of Accounting
हिन्दी भाषा मे Accounting का मतलब होता है लेखांकन। लेखांकन दो शब्द से मिलकर बना है लेखा (लिखना), और अंकन (अंक) । सरल भाषा मे मतलब है अंको को लिखना। तो चलिये जानते है की Tally मे किन अंकों को लिखा जाता है विस्तार से समझते हैं।
यह भी पढ़ें – What is Tally
Uses of Tally for Accounting
हमे बस इतना ध्यान रखना है की Tally का प्रयोग मे बस इसलिए करते हैं ताकि किसी भी व्यापार मे हर प्रकार की लेनदेन का लेखा जोखा आसानी से रखा जा सके।
पर एक व्यापार मे किस तरह के लेन-देनों का प्रयोग होता है ये जानते हैं:
- Purchase (खरीद) – व्यापार मे कितना माल खरीदा गया।
- Sales (बेचना) – व्यापार मे कितना माल बेचा गया
- Payment (भुगतान) – व्यापार मे किसको कितना भुगतान किया गया
- Receipt (प्राप्ति) – व्यापार मे किससे कितना भुगतान आया।
- Creditors () – व्यापार मे हमसे कितने लोगों ने कितने रुपये मांगे
- Debtors (देयता) – व्यापार मे हम किन लोगो से कितने रुपये मांगते हैं
- Profit & Loss (लाभ एवं हानि) – व्यापार मे कितना लाभ हुआ और कितनी हानि हुई
- Stock (माल) – व्यापार मे कितना माल पड़ा हुआ है
- Expenses (व्यय) – व्यापार मे कितना खर्चा हुआ
- Income (आय) – व्यापार मे कितनी आय हुई
तो हमे इन अंको को Tally मे रेकॉर्ड रखना होता है। इन सब के रेकॉर्ड करने से Accounting का काम पूरा किया जाता है। इनहि सब के रेकॉर्ड रखने को हम Accounting कहते हैं।
Benefits of Accounting
- व्यवसाय/दुकान मे होने वाले सभी प्रकार के लेन दें सभी दिनों मे बड़ी आसानी से रखे जा सकते हैं।
- व्यवसाय/दुकान के सभी हिसाब किताब जैसे कोई व्यापरी किसी से कितने रुपये मांगता हैं या व्यापरी से लोग कितने रुपये मांगते हैं ये सब रेकॉर्ड आसानी से रखा जा सकता है।
- व्यापार मे हमे कितना लाभ हो रहा है और कितना नुकसान हो रहा ये आसानी से देखा जा सकता है
- व्यवसाय मे कितने और कहाँ कहाँ खर्चे हो रहे हैं उसका हिसाब आसानी से रखा जा सकता है
- अभी व्यापार मे ये आसानी से देखा जा सकता है की कितना माल अभी भी पडा है।
- हमारे व्यापार मे अभी कितना नकद (Cash) है और कितना बैंक बैलेन्स सब का रेकॉर्ड हम Tally मे आसानी से रख सकते हैं
- देखा जाए तो व्यापार मे जितनी भी लेनदेन होती हैं उन सभी का रेकॉर्ड Tally मे आसानी से रखा जा सकता हैं
देखा जाए तो इस प्रकार के हिसाब किताब को रखने के लिए बाज़ार मे अब बहुत से Software आ चुके हैं। उन सब मे से एक software Tally भी है और Tally का पूरा कोर्स GST के साथ करने का बाद आसानी से Accounting का काम कर पाएंगे
देखा जाए तो Tally मे अकाउंटिंग का कार्य करना काफी सरल है बस आपको Tally मे सभी प्रकार की लेन-देन का रेकॉर्ड करना सीखना होगा। जो हम आपको आगे बताते जाएंगे और सभी रेकॉर्ड खुद बनते जाएंगे।
मगर अब सवाल ये आता है की जिन लोगों ने कॉमर्स से पढ़ाई नहीं की क्या वो भी Tally पर Accounting सीख सकते है या नहीं तो इसका जवाब आप आगे अध्याय मे जानेंगे
[…] अधिक जानने के लिए आपको चैप्टर 2 देखना पड़ेगा […]