जाने Bluetooth का नाम क्यों पड़ा Bluetooth
आज Bluetooth तकनीक के कारण कई कार्य आसानी पूर्वक हो जाते है। अब चाहे आप को ईयरबड्स या स्पीकर इत्यादि को अपने दूसरे उपकरण के साथ जोड़ना होता है तो यह तकनीक काफी सहायक साबित होती है। ब्लुटूथ तकनीक की सहतता से हम दो या उससे ज्यादा उपकरणो को एक साथ जोड़ सकते है और उनका प्रयोग कर सकते हैं
क्या आप जानते है इस तकनीक ब्लुटूथ को यह नाम क्यूँ और कैसे मिला था। कथित तौर पर देखा जाए तो इसके पीछे हर वैबसाइट पर कुछ न कुछ कहानी मिलती रहती है। आपको यह जानकार बहुत हैरानी होगी की इस ब्लुटूथ नाम के पीछे जिसका हाथ उस व्यक्ति का तकनीक से दूर दूर का कोई लेना देना ही नहीं है।
आपको शायद यह अंदाजा भी नहीं होगा की ब्लुटूथ नाम का आइडिया उस टाइम जब इसका इनवेंशन हुआ उस इन्वेन्शन टीम का सदस्य रहे Jim Kardach ने दिया था. Jim Kardach को इतिहास की किताबें पढ़ने का बहुत शौक हुआ करता था उन दिनो भी वो कोई इतिहास की किताब को पढ़ रहे थे और उसमे एक कहानी से उन्हे इस ब्लुटूथ तकनीक का नाम रखने का आइडिया आया
ब्लुटूथ तकनीक का नाम10वीं सदी के डेनमार्क के शासक Harald Bluetooth के नाम से लिया गया. वो स्कैंडिनेविया राज्य को अपने राज्य में जोड़ने के लिए मशहूर हुआ करते थे। उन्होने कई राज्यों को उनपर विजय प्राप्त करके अपने राज्य मे शामिल करलिया था।
तो जब ब्लुटूथ तकनीक का आविष्कार हुआ तो ये भी अपने साथ कई उपकरणो को जोड़ता था इस प्रकार से King Harald Bluetooth अन्य राज्यों को अपने राज्य मे जोड़ लिया करते थे तो यही सोच कर इस तकनीक का नाम ब्लुटूथ रखने का सुझाव दिया.
King Harald Bluetooth का नाम ब्लूटूथ क्यो पड़ा वाले सवाल पर कई लोग ये भी कहते हैं कि उनका एक दांत पूरी तरह से डेड था. इस वजह से वो नीला दिखाई पड़ता था. इस वजह इस राजा के नाम में Bluetooth लगाया जाता